rachnakriti
Friday 6 February 2015
Sunday 17 August 2014
सम्बन्ध एक कविता
सम्बन्ध
कुछ सम्बन्ध ,
अनाम होते हैं ,
जैसे हाशिये पर फैले ,
कच्चे -पक्के रंग ,
जहाँ गंध नहीं होती ,
रिश्तों की ,
रीते होते है मन के कुछ कोने .
इन अनाम संबंधों स्पर्शों के लिए
कहीं गहरे तक ,
आँखों की तरलता ,
छिपी होती है ,
आत्मीयता ध्वनित नहीं हो पाती
शब्दों के साथ
ये होती है अनकही अनसुनी ।
कुछ सम्बन्ध ,
अनाम होते हैं ,
जैसे हाशिये पर फैले ,
कच्चे -पक्के रंग ,
जहाँ गंध नहीं होती ,
रिश्तों की ,
रीते होते है मन के कुछ कोने .
इन अनाम संबंधों स्पर्शों के लिए
कहीं गहरे तक ,
आँखों की तरलता ,
छिपी होती है ,
आत्मीयता ध्वनित नहीं हो पाती
शब्दों के साथ
ये होती है अनकही अनसुनी ।
Wednesday 6 August 2014
अपनी भूलें या प्रवंचानाए औरों की
जब कभी पीछे मुड़कर अपने अतीत को झाँकने की कोशिश करती हूँ .................अपनी मूर्खताओं पर अफ़सोस से ज्यादा ग्लानी होती है , लगता है क्या ये सामान्य गलतियाँ है या फिर बार बार की जाने वाली बेव्कूफियां लोगो पर विश्वास करने की बेवकूफी , दूसरों को ज्यादा मदद देने की गलती , जाने अनजाने ज्यादा बोलने की गलती ,गलतियाँ ही गलतीयां और सुधारने की सारी कोशिशे बेकार ,हर बार आपने आप से एक जंग , हर बार कसमें वादे वचनों की लम्बी तकरीरें और फिर उसी खाई में जा गिरना , क्या ये इंसानी फितरत है या फिर मेरी ही आदत है एक लम्बी तलाश एक ज़द्दोज़हद ,
Tuesday 22 July 2014
Monday 21 July 2014
Thursday 10 July 2014
एक अपूर्व दिन
आज का दिन मेरे लिए अनोखा दिन है मैंने पहली बार बिना किसी मदद के ब्लॉग बनाया और बनाते ही पोस्ट करने टाइप करने बैठ गई ये कुछ चमत्कार से कम नहीं है . लगातार तकनीक से लड़ना रह ढूंडना\
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