सम्बन्ध
कुछ सम्बन्ध ,
अनाम होते हैं ,
जैसे हाशिये पर फैले ,
कच्चे -पक्के रंग ,
जहाँ गंध नहीं होती ,
रिश्तों की ,
रीते होते है मन के कुछ कोने .
इन अनाम संबंधों स्पर्शों के लिए
कहीं गहरे तक ,
आँखों की तरलता ,
छिपी होती है ,
आत्मीयता ध्वनित नहीं हो पाती
शब्दों के साथ
ये होती है अनकही अनसुनी ।
कुछ सम्बन्ध ,
अनाम होते हैं ,
जैसे हाशिये पर फैले ,
कच्चे -पक्के रंग ,
जहाँ गंध नहीं होती ,
रिश्तों की ,
रीते होते है मन के कुछ कोने .
इन अनाम संबंधों स्पर्शों के लिए
कहीं गहरे तक ,
आँखों की तरलता ,
छिपी होती है ,
आत्मीयता ध्वनित नहीं हो पाती
शब्दों के साथ
ये होती है अनकही अनसुनी ।
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